The Basic Principles Of sidh kunjika
Individuals who study Devi Mahatmya without this prayer of Kunjika will not likely get to the forest of perfection as they will weep alone with no one to protect or secure them.
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
It retains the ability to deliver enlightenment through the contrasting Strength of Shiva and Shakti and gives more than enough electric power to encounter both equally energies at the same time, which, consequently, can sidh kunjika help you comprehend your own Vitality.
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।